
रोबोट की मदद से शरीर के उन अंगों तक भी पहुंचना संभव जहां है हाई रिस्क, होती है सफल सर्जरीः पारस एचएमआरआई
पिछले कुछ सालों में मेडिकल सेक्टर में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। इस सर्जरी की मदद से अब मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन किया जा रहा है। शरीर के कुछ ऐसे अंग होते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल और खतरनाक होता है। रोबोट से की जाने वाली सर्जरी की मदद से इन अंगों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। कैंसर के इलाज में भी यह सर्जरी कारगर साबित हो रही है ये बातें पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना के जेनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग डायरेक्टर और एचओडी *डॉ. ए. ए. हई* ने कहीं। मौका था एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया और पारस एचएमआरआई, पटना की ओर से शनिवार को पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में नेशनल सर्जिकल वीक के तहत आयोजित कार्यक्रम का, जिसमें बिहार के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रुप में *डॉ शांति राय, डॉ मंजू गीता मिश्रा,* उदयन हॉस्पिटल के डायरेक्टर *पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ. आर एन सिंह,* रूबन हॉस्पिटल के डायरेक्टर *डॉ. सत्यजीत सिंह, डॉ. प्रमिला मोदी, पद्मश्री डॉ. विजय प्रकाश,* आइएमए, बिहार के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और चीफ पैट्रन *डॉ. सहजानंद सिंह,* पीएमसीएच के प्रिंसिपल *डॉ. विद्यापति चौधरी,* डॉ. ए. ए हई, डॉ. राजीव कुमार और पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मौके पर *डॉ. राजीव कुमार,* सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान कट बहुत छोटा सा लगता है। यही वजह है कि सर्जरी का निशान शरीर पर बहुत छोटा होता है। डॉक्टर द्वारा की जाने वाली सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में रिकवरी तेजी से होती है और ब्लड लॉस भी काफी कम होता है।
पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि हम लोगों ने बिहार मे पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट शुरु किया, 60 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किया और अब बहुत जल्द लिवर ट्रांसप्लांट भी शुरु करने जा रहे हैं। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल सर्जरी के क्षेत्र में नई-नई मशीन के उपयोग से सटीक रिजल्ट देने के लिए प्रतिबद्ध है। दुनिया में जितनी भी अत्याधुनिक तकनीक है वह हॉस्पिटल में उपलब्ध है।
इस अवसर पर बिहार के प्रसिद्ध सर्जन व चिकित्सक डॉ शांति राय, डॉ मंजू गीता मिश्रा, उदयन हॉस्पिटल के डायरेक्टर पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ. आर एन सिंह, रूबन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सत्यजीत सिंह, डॉ. प्रमिला मोदी, पद्मश्री डॉ. विजय प्रकाश, आइएमए, बिहार के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और चीफ पैट्रन डॉ. सहजानंद सिंह, पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. विद्यापति चौधरी को शॉल, मोमेंटो और बुके देकर सम्मानित भी किया गया।
विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक लोगों ने ब्लड डोनेट किया। रक्तदान, महादान संदेश के साथ लोगों ने एक-दूसरे की मदद करने का संकल्प लिया। अस्पताल परिसर में आयोजित इस शिविर में सुबह से ही लोगों की भीड़ दिखी। विशेषज्ञ *डॉ. शान्तनु कुमार* ने इस मौके पर लोगों से कहा कि एक व्यक्ति का रक्तदान रक्त, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के रूप में तीन लोगों की जिंदगी बचा सकता है। रक्तदान को लेकर किसी भी तरह का भ्रम नहीं रखना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से कैंसर की संभावना कम होती है। इससे वजन नियंत्रित रहता है और शरीर में नए रक्त के निर्माण की प्रक्रिया तेज होती है।
*पारस एचएमआरआई के बारे में*
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
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