सैयद शाह मुन्नवर हुसैन फ़िदाई का एक दिवसीय 10 वाँ सालाना उर्स मुबारक —रूहानी शान और एहतराम के साथ आयोजित
सोमवार, 8 दिसंबर 2025
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सैयद शाह मुन्नवर हुसैन फ़िदाई का एक दिवसीय 10 वाँ सालाना उर्स मुबारक —रूहानी शान और एहतराम के साथ आयोजित
आज दिनांक 08/12/2025 ख़ानक़ाह ए फ़ैयाज़िया, सिमली शरीफ़ में ख़ानक़ाह ए फ़ैयाज़िया के पूर्व सज्जादानशीं हज़रत सैयद शाह मुन्नवर हुसैन फ़िदाई अल्-बाक़ी अल-फ़ैयाज़ी रहमतुल्लाह अलैह का 10वाँ सालाना उर्स मुबारक पूरे रौब, रूहानियत और सजदों की ख़ुशबू के साथ आयोजित किया गया। सुबह से ही दूर-दूर से ज़ायरीन, मुरीदीन और अकीदतमंदों की भारी भीड़ ख़ानक़ाह पहुँचती रही। पूरे परिसर में विशेष इंतज़ाम किए गए थे, जिनमें सुरक्षा, लंगर, पानी और बैठने की व्यवस्था शामिल रही।
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दिनभर आयोजित कार्यक्रम
फ़ज्र के बाद — कुरान ख़्वानी
सुबह कुरान ख़्वानी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने हिस्सा लेकर हज़रत की रूहानी तालीमात और इस्लामी पैग़ामों से फ़ैज़ हासिल किया।
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असर के बाद — चादरपोशी, क़ुल और दुआ (विस्तृत विवरण)
असर के बाद उर्स का सबसे अहम और रूहानी कार्यक्रम—चादरपोशी—बेहद शानो-शौकत और अदब के साथ आयोजित किया गया।
चादरपोशी के दौरान सज्जादा नशीन हज़रत सैयद शाह गुलाम फ़ैयाज़ हुसैन फ़ैयाज़ी साहब, खानक़ाह के सूफ़ी कव्वालों और नातख़्वानों के साथ रूहानी कलाम, सूफ़ी नात और सलाम पढ़ते हुए दरगाह की ओर रवाना हुए।
उनके आगे-आगे बड़ी संख्या में ज़ायरीन और अकीदतमंद चल रहे थे किसी के हाथ में फूलों से सजी चादर किसी के सिर पर रंग-बिरंगी कपड़े की चादर और कई लोग अपने साथ फूल, और इत्र लिए हुए थे।
पूरा माहौल सूफ़ियाना रंग में डूब गया था। कव्वालों के सूफी कलामों की सदाओं के बीच चादर दरगाह की ओर बढ़ता गया।
दरगाह पहुँचकर चादर बड़े एहतराम के साथ हज़रत सैयद शाह मुन्नवर हुसैन फ़िदाई अल्-बाक़ी अल-फ़ैयाज़ी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार पर चादर पेश की गई और इसके बाद क़ुल की महफ़िल आयोजित हुई, जिसमें सज्जादानशी हज़रत सैयद शाह गुलाम फ़ैयाज़ हुसैन फ़ैयाज़ी ने चादरपोशी के बाद देश दुनिया अमन चैन भाईचारे और सलामती के लिए विशेष दुआ किया। जिसमें ज़ायरीन ने अपने घर-परिवार, मुल्क, समाज और अपनी जायज़ दुआओं के लिए हाथ उठाए।
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मग़रिब के बाद — मिलादुन्नबी ﷺ, महफ़िल, मजलिस-ए-शमा और लंगर
मग़रिब के बाद मिलादुन्नबी ﷺ की ख़ास महफ़िल, नात, सलाम, रूहानी कलाम और मजलिस-ए-शमा बड़े अदब और जोश के साथ आयोजित की गई।
यह पूरा कार्यक्रम सज्जादा नशीन सैयद शाह गुलाम फ़ैयाज़ हुसैन फ़ैयाज़ी साहब की निगरानी में सम्पन्न हुआ। उनकी सरपरस्ती में मिलाद की महफ़िल को ख़ास रूहानियत और अनुशासन के साथ सजाया गया।
इसके बाद लंगर-ए-आम का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ज़ायरीन के बीच लंगर तकसीम (वितरण) किया गया।
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विशेष दुआ
अंत में विशेष दुआ कराई गई, जिसमें मुल्क, समाज, अमन, खुशहाली, अस्क़ाम से निजात और हर घर में रहमतों की दुआ माँगी गई।इस एक दिवसीय उर्स के मौके पर मुख्य रूप से सैय्यद मुशर्रफ हुसैन,सैय्यद शाह शेराजी हुसैन,सैय्यद मोईनउड्डीन,सैय्यद मोहीउड्डीन,सैय्यद नैययर हुसैन,सैय्यद फैसल हुसैन,सैय्यद मोहम्मद राशिद हुसैन,सैय्यद शाह मोहम्मद अफजाल आलम अबुल फैयाजी,एयाज़ूर रब, सैय्यद शाह अरशद हुसैन, सैय्यद शाह अशरफ हुसैन सैय्यद शाह मोईनउड्डीन अजमेरी,रिजबी साहब,सैय्यद शाह फ़ैज़ अहमद कादरी मुन्नावरी,मौलाना सद्दाम हुसैन एमादी.
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