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बिहारशरीफ में अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन आयोजित, रोहिणी आयोग और सामाजिक न्याय पर उठी मजबूत आवाज

बिहारशरीफ में अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन आयोजित, रोहिणी आयोग और सामाजिक न्याय पर उठी मजबूत आवाज


 बिहारशरीफ में अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन आयोजित, रोहिणी आयोग और सामाजिक न्याय पर उठी मजबूत आवाज

बिहार शरीफ/बिहारशरीफ के टाउन हॉल में कांग्रेस पार्टी के बैनर तले अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य रोहिणी आयोग की सिफारिशों और मूल अति पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा के खिलाफ आवाज बुलंद करना था।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक प्रतिनिधि और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हर चुनाव के समय सभी राजनीतिक दल अति पिछड़ा वर्ग की बातें तो करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद ये सारे वादे सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाते हैं।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु इस प्रकार रहे:

रोहिणी आयोग की सिफारिशों पर जल्द अमल की मांग।मूल अति पिछड़ा वर्ग को उनके अधिकार दिलाने की आवाज।सभी दलों द्वारा चुनाव के समय अति पिछड़ों को लुभाने और बाद में नजरअंदाज करने पर नाराजगी।आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अति पिछड़ा समाज की निर्णायक भागीदारी को लेकर रणनीति।इस मौके पर राष्ट्रीय जनता दल की नेत्री डॉ. आयशा फातिमा ने कहा,“बिहार में महागठबंधन मतलब जनता की सरकार। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो समाज के सभी तबकों का ख्याल रखे। बिहार तभी मजबूत और विकसित राज्य बनेगा जब शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक न्याय की बात होगी। यह तभी मुमकिन होगा जब दलित, महादलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज समान अधिकार के साथ एकजुट होकर आगे बढ़ेगा।”वहीं समाजसेवी यासिर इमाम और कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल अकेला ने कहा कि "जब तक हम सामाजिक रूप से संगठित नहीं होंगे, तब तक हमारे अधिकार सिर्फ भाषणों तक ही सीमित रहेंगे। अब वक्त है कि अति पिछड़ा वर्ग अपनी शक्ति को पहचानकर निर्णायक भूमिका निभाए।"सम्मेलन में संयोजक दिलीप मंडल ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब सिर्फ नारों और वादों से नहीं, बल्कि ठोस योजनाओं और संवैधानिक हक के आधार पर समाज का सशक्तिकरण होगा। इस मौके पर महागठबंधन के कई नेता मंच पर मौजूद रहे।

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