
डॉक्टरों को अक्सर धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है। - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद
*डॉक्टरों को अक्सर धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है। - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद*
पटना - इंजीनीयर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि डॉक्टरों को अक्सर धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है और आज के कॉर्पोरेट- प्रेरित युग में भी, पटना के डॉ. एजाज अली इस विश्वास का सच्चा प्रतीक हैं। गरीबों के मसीहा के रूप में प्रसिद्ध, डॉ. अली मात्र 10 रुपये की परामर्श शुल्क लेते हैं, जबकि अधिकांश डॉक्टर 800 से 1,200 रुपये तक शुल्क लेते हैं। उनका निःस्वार्थ भाव एक ऐसे सिस्टम के विपरीत है जो दिन-ब-दिन लाभ पर केंद्रित होता जा रहा है।
1994 में डॉ. एजाज अली ने कारवां क्लिनिक की स्थापना की, और तब से उनकी फीस में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी कॉर्पोरेट शैली को अपनाया नहीं। उनका मानना है कि चिकित्सा एक सेवा है, न कि लाभ कमाने का साधन। उनके क्लिनिक में बिहार के दूर-दराज इलाकों से मरीज आते हैं, और जिनके पास ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं होते, उनका इलाज भी वह मुफ्त में करते हैं।
डॉ. अली का यह निःस्वार्थ समर्पण हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि चिकित्सा का असली उद्देश्य क्या है। उनकी सेवाएं समाज के लिए एक प्रेरणा हैं और यह दर्शाती हैं कि मानवता और करुणा आज भी जीवित हैं। डॉ. एजाज अली के स्वास्थ्य और सलामती के लिए हमारी दुआएं हैं। गलत खबरों से बचना चाहिए, विशेषकर ऐसी संवेदनशील सूचनाओं को प्रसारित करने से पहले उनकी पुष्टि करना आवश्यक है। अल्लाह आपको सलामत रखे। हम तक भी यह खबर पहुंची थी, जिससे दिल बहुत गमगीन हुआ, लेकिन अब सुकून है। आपसे बात हुई। अल्लाह आपको अपनी हिफाजत में रखे। कौम को आप जैसे रहनुमा की बहुत जरूरत है। अल्लाह आपको अपनी हिफाजत में रखे। आमीन।
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