-->

SR NEWS BIHAR NETWORK

  साधु संतों की भी गणना करे सरकार, किशोर कुणाल की संपत्ति की जांच हो हिंदू संत ही हों धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष

साधु संतों की भी गणना करे सरकार, किशोर कुणाल की संपत्ति की जांच हो हिंदू संत ही हों धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष


 साधु संतों की भी गणना करे सरकार, किशोर कुणाल की संपत्ति की जांच हो हिंदू संत ही हों धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष 

 पटना: षड्दर्शन विश्व अखाड़ा परिषद के साधु संतों के द्वारा आज शेखपुरा स्थित अखाडा में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए योगी अखिलेश्वर दास ने जातीय जनगणना में साधु संतों के लिए एक अलग कोड की मांग की है। जिससे हमारी संख्या का पता चल सके। उन्होंने बिहार राज्य हिन्दु धार्मिक न्यास बोर्ड के 2005 से 2015 तक तत्कालीन अध्यक्ष किशोर कुणाल की संपत्ति की जांच और वर्त्तमान अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन को हटाकर किसी हिन्दु समाज के साधु संत को चुनाव करा कर अध्यक्ष बनाने की सरकार से मांग की है।

               प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए महंत महेंद्र दास त्यागी ने कहा कि बिहार में मठ और मंदिरों की स्थिति दयनीय है। बिहार राज्य के हिंदु धार्मिक न्यास परिषद की उदासीनता के कारण मठ और मंदिरों की स्थिति जर्जर होती जा रही है। मुख्यमंत्री से उनकी मांग है कि बिहार राज्य हिंदू धार्मिक न्यास परिषद के गठन से लेकर 2021 तक के कार्यों एवं लिए गए निर्णय की समीक्षा कराई जाए। 1950 में बिहार राज्य हिंदू धार्मिक न्यास परिषद का गठन किया गया था उससे लेकर अबतक का ब्योरा सरकार के सामने पेश करने की मांग की है। इसके अलावा धार्मिक न्यास परिषद का अध्यक्ष किसी हिन्दु साधु संत को बनाया जाने की भी मांग की गई। उन्होंने कहा कि परिषद में परिवारवाद करने वाले पुलिस अधिकारी को हटाया जाए। संवाददाता सम्मेलन में दयानंद मुनि,महंत भूषण दास, महंत उमाशंकर दास,महंत प्रह्लाद दास, महंत लहरी दास, महंत शत्रुध्न दास, महंत नंदुु दास, महंत रामपुकार दास, महंत राम दास वैरागी, महंत शिवानंद दास एवं महंत योगा दास भी उपस्थित थे।

साधु समाज की बिहार सरकार से निम्न मांगों पर विचार करने को कहा गया 

 राज्य के कई जिलों में अभी तक रिविजनल सर्वे हुआ ही नहीं है और पुराना खतियान और रजिस्टरपंजी जिलावार है, उसे कराया जाए। राज्य के कई जिलों में न्यास धारी महंत और उनके गुरु के नाम से ही संपूर्ण अचल संपत्ति है और अपने उसी निजी खतियान वाले जमीन में मंदिर मठ कुटिया की स्थापना की गई है इष्ट देवता के नाम से न खतियान बना है न किसी प्रकार का इष्ट देवता के नाम से कोई दान की भूमि है, उसे देखकर दुरुस्त किया जाए।

 राज्य के कई जिलों में भूहदबंदी वाद चलाकर इष्ट देवता को एक विधिक व्यक्ति मानकर एक यूनिट भूमि तथा महंत के नाम एक यूनिट भूमि दिया गया है, जिसे कहीं कहीं सर्वेक्षणपंजी में इष्ट देवता और उसके सेवायत के रूप में महंत का नाम दर्ज है तथा महंत को प्राप्त निजी यूनिट वाली जमीन भी उसके हकीयत और अधिकार को मानते हुए खतियान में दर्ज है, इसे अविलंब ठीक किया जाए।

  राज्य के कई जिलों में यूनिट का बंटवारा के बाद भी अभी जमाबंदी पंजी और सर्वेक्षणपंजी में महंत के नाम से ही इज माल खाता संचालित है, उसे देखा जाए।

 राज्य के कई जिलों में सनातन प्रेमी साधु अपने नाम से हकीकत वाला केवाला से प्राप्त भूमि में तथा अपने पारिवारिक संपत्ति में कुटिया का निर्माण कर भजन पूजा पाठ साधु सेवा एवं धर्म प्रचार करते हैं , उसे रोका जाए।

बिहार राज्य में महंत के नाम या उसके पूर्वज के नाम वाली मौरूसी हकीयत वाली जमीन पर महंत का निजी अधिकार है। उससे मठिया प्रतिमा का कोई सरोकार नहीं है, इसे हटाया जाए।

 बिहार राज्य स्थित सभी हिंदू मठ मंदिर धर्म स्थान एवं उसमें रहने वाले साधु संत महंतों को सरकार अनुदान प्रदान करें जिस प्रकार से मुसलमान समुदाय के मदरसा तथा संपत्ति के मूल्यांकन के आधार पर मासिक खर्च तय कर दे।

 सभी धर्म स्थान मठ मंदिर की सभी भूमि संपत्ति और मठ मंदिर का सरकारी खर्चे से घेराबंदी कराएं और न्यास धारी महंत को सरकार की तरफ से सुरक्षा प्रदान हो।

बिहार राज्य स्थित सभी धर्म स्थान, मठ-मंदिरों की भूमि को अतिक्रमण करने वालों को आजीवन कारावास हो और जो जनप्रतिनिधि अतिक्रमणकारी को मौखिक या लिखित मदद करता है और मठ के संत-महंत का विरोध करता है उसका चुनाव लड़ने का अधिकार समाप्त किया जाए और उसे 7 साल की सजा हो। ज्यादातर विवाद इनके द्वारा ही उत्पन्न किया जाता है।

बिहार राज्य स्थित सभी धार्मिक स्थलों मठ मंदिरों के बिजली बिल माफ हो और भूमि लगान रसीद माफ हो। 

खाली पड़े धर्म स्थान , मठ-मंदिर, संगत-बैठक, आश्रम स्थान का पूजा-पाठ, भोग राग उत्सव समय के निरंतर प्रबंधन के लिए बिहार राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास परिषद द्वारा खर्चे और मासिक वेतन पर किसी योग कर्मकांड के जानकार का महंत के संरक्षण में नियुक्ति करना अनिवार्य हो।

0 Response to " साधु संतों की भी गणना करे सरकार, किशोर कुणाल की संपत्ति की जांच हो हिंदू संत ही हों धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष "

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article