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पटना के कई जगहों पर आज महाराज जी के शिष्यों द्वारा बड़े पैमाने पर पीपल और बरगद समेत कई तरह के छायादार और फलदार पेड़ों को लगाने का कार्यक्रम चलाया गया

पटना के कई जगहों पर आज महाराज जी के शिष्यों द्वारा बड़े पैमाने पर पीपल और बरगद समेत कई तरह के छायादार और फलदार पेड़ों को लगाने का कार्यक्रम चलाया गया


 गुरुदेव कैलाश चंद्र श्रीमाली के जन्मदिन के अवसर पर उनके शिष्य और अनुयायी  अपने-अपने अंदाज में मना रहे हैं। पटना के कई जगहों पर आज महाराज जी के शिष्यों द्वारा बड़े पैमाने पर पीपल और बरगद समेत कई तरह के छायादार और फलदार पेड़ों को लगाने का कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम की अगुवाई गुरुदेव के शिष्य राजन उपाध्याय,  पंडित मनोज मिश्रा समेत कई और शिष्य उपस्थित थे। पौधारोपण के साथ आसपास के लोगों पर्यावरण का महत्व समझाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को पेड़ पौधे, पृथ्वी एवं पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया गया।

गुरुदेव के संदेश को पढ़कर लोगों को सुनाया गया

पौधारोपण कार्यक्रम के बाद वहां उपस्थित लोगों को गुरुदेव का लिखा संदेश पढ़कर सुनाया गया। गुरुदेव ने अपने संदेश में कहा कि पेड़-पौधों के कारण आज मनुष्य जीवित है। अगर पेड़-पौधे नहीं होंगे तो मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। उन्होंने अपने संदेश कहा कि आज जो पौधारोपण किया है, वह हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए तोहफा होगा, क्योंकि ये पेड़ पौधे बड़े होकर सदियों तक सभी को जीवन के रूप में ऑक्सीजन देते रहेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे हर माह में एक पौधा जरूर लगाएं। गुरुदेव ने कहा कि पेड़ को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पेड़ों पर प्रकृति निर्भर करती है।

पेड़ लगाना प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन है और प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन ईश्वर की श्रेष्ठ आराधना है। एक पेड़ लगाने से असंख्य जीव-जन्तुओं के जीवन का उद्धार होता है और उसका अपार पुण्य सहजता से हासिल होता है। एक तरह से पेड़ लगाने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति में भी वृक्षारोपण को अति पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों में लिखा गया है कि एक पेड़ लगाने से एक यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। पद्म पुराण में तो यहां तक लिखा है कि जलाशय (तालाब/बावड़ी) के निकट पीपल का पेड़ लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान माना गया है।

हवन कार्यक्रम का भी आयोजन

गुरुदेव कैलाश चंद्र श्रीमाली के जन्मदिन पर शिष्यों द्वारा हवन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस हवन कार्यक्रम में सैकड़ों लोग शामिल हुए । हवन में लोगों की जिंदगी में शान्ति और समृद्धि की कामना की गई। इस तरह के कार्यक्रम आगे भी करने की इच्छा जताई गई।

इसमें से शिष्य जितेंद्र नाथ राय  राजेंद्र कुमार उपाध्याय तारकेश्वर श्रीमाली मनोज मिश्रा राकेश जी मधुसूदन जी निर्मल भगत पटना सिद्धाश्रम साधक परिवार मौजूद थे

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