सुप्रसिद्ध उर्दू समालोचक प्रो. ख़ुर्शीद समी की याद में शोक सभा का हुआ आयोजन
पटना सिटी। प्रो०ख़ुर्शीद समी की याद में शोक सभा का आयोजन लोदी कटरा स्थित उनके पुश्तैनी निवासस्थान पर हुआ।सभा में बिहार के विभिन्न भागों से आये बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लेकर प्रो. ख़ुर्शीद के प्रति अपनी श्रद्धा ज़ाहिर की। ज्ञात हो कि प्रो. समी उर्दू साहित्य के राष्ट्रीय स्तर के समालोचक थे तथा उनका निधन विगत 15 जुलाई को हुआ था। 'समालोचना का मनोविश्लेषणात्मक विवेचना' पर उनकी विशेष पकड़ और महारथ थी।सच तो यह है कि समालोचना के इस दृष्टिकोण व प्रयोग के वे प्रणेता और सबसे बड़े समकालीन हस्ताक्षर थे।इसके साथ ही ,उन्होंने लम्बी अवधि तक मुज़फ़्फ़रपुर इंजीनियरिंग काॅलेज में रसायन विज्ञान के प्राध्यापक के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं दी थी। प्रो०समी प्रभारी प्राचार्य भी रहे।
सुप्रसिद्ध शायर निदा फ़ाज़ली और अली सरदार जाफरी से उनकी न केवल निकटता रही है बल्कि वे दोनों इनके बड़े प्रशंसक भी थे सभा में नामचीन युवा शायर अहमद शाज़ क़ादरी ने काव्यात्मक रूप में अपनी श्रद्धा ज़ाहिर करते हुए कहा: "तनक़ीद की मीज़ान थे ख़ुर्शीद समी, मय्यार की पहचान थे ख़ुर्शीद समी, दरिया -ए- इल्म ओ फ़न थे वह दरवेश सिफ़त, एक पैकर-ए-जीशान थे ख़ुर्शीद समी।"स अवसर पर मौजूद प्रमुख लोगों में सैयद शाह शमीम मुनेएमी, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में उर्दू के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. मंज़र एज़ाज़,आकाशवाणी पटना के पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी शंकर कैमूरी, डाॅ. एज़ाज़ रसूल,सैयद मुनव्वर हसन ,प्रो०शमशुल हसन,अनवार मुनव्वर, सैयद अशरफ़ मुनीर, डॉ०मतीउर्रहमान अज़ीज़, परवेज़ अहमद ,शाह फ़ैयाजुर्रहमान,प्रो. हसन रज़ा ,इक़बाल समी, प्रो०महबूब आलम,विजय कुमार सिंह,कमाल समी आदि ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि पेश की।कर्यक्रम में मज़हर आलम मख़दूमी, जावेद तमन्ना, डॉ० अल्तमश अली दाऊदी ,अबुल मुज़फ़्फ़र समेत बड़ी संख्या में स्थानीय और बिहार के अन्य ज़िलों से आये बुद्धिजीवी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना मज़हरूल हक़ पर्शियन एवं अरेबिक विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो वी.सी. प्रो० तौक़ीर आलम ने तथा संचालन संयुक्त रूप से डॉ० एज़ाज़ रसूल एवं प्रो० हसन रज़ा ने किया। इस अवसर पर अतिथियों का धन्यवाद-ज्ञापन प्रो० ख़ुर्शीद समी के अनुज प्रो०जमाल समी ने किया।

0 Response to "सुप्रसिद्ध उर्दू समालोचक प्रो. ख़ुर्शीद समी की याद में शोक सभा का हुआ आयोजन"
एक टिप्पणी भेजें