
ज्वेलरी कनेक्ट के आयोजक कारीगरों के स्किल को आगे बढ़ायेंः रविशंकर प्रसाद
*स्थानीय बाजार में बनने वाली चीजों के प्रोत्साहन की जरूरतः अवधेश नारायण सिंह*
पटना 25 अप्रैल 2022ः भारत ज्वेलरी के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ने के संभावना रखता है। भारत के एक्स्पोर्ट में जेम्स एवं ज्वेलरी सबसे अधिक है। हीरों के क्षेत्र में सूरत और मुम्बई के व्यापरियों ने हीरों के कटिंग और पालिशिंग में बड़ा काम किया है। आज अब एक गरी आदमी भी अपनी बेटी की विदायी करता है तो सोने का आभूषण जरूर देता है। आज नये जमाने के साथ यह और भी विस्तरित हो रहा है। हम ज्वेलरी कनेक्ट के अयोजक के अनुरोध करते हैं कि वे ज्वेलरी के कारीगरों के स्किल को और आगे बढ़ाएं क्योंकि दुनिया में भारत के ज्वेलरी के कारीगरों की बहुत जरूरत है। उक्त बातें सांसद ने आज ज्ञान भवन पटना में इन्फार्मा मार्केट द्वारा आयोजित ज्वेलरी कनेक्ट के दूसरे दिन के कार्यक्रम के उद्घटन के बाद अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि कई ऐसे कारीगर हैं इतना अच्छा कारीगरी का काम करता है कि भारत क्या दुनिया में उनका नाम फैल सकता है।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि आज जिस प्रकार से सोने का भव बढ़ रहा है उसी प्रकार से टेक्नालोजी भी साथ साथ आगे बढ़ रही है। आज सोना महंगा होने के कारण लोग कम वजन के जेवरात बनवा रहे हैं लेकिन टेक्नालोजी के कारण ज्यादा सुंदर बन रहा है। स्थनीय बाजार में तैयार होने वाली चीजों को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वोकल फार लोकल को आगे बढ़ाने की जरूरत है। ज्वेलरी का हब बनाने के लिए सरकार की ओर से योगदान करना होगा। इसके लिए जगह और उचित माहौल मिले तो यहां के कारीगर में इतनी क्षमता है कि वे पूरे विश्व में छा सकते हैं।
इस अवसर पर सांसद रामकृपाल यादव ने बिहार के बारे में लोगों की नकारात्मक सोच रही है उसे सकारात्मक रूप से लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम ज्वेलरी कनेक्ट के आयोजक योगेश मुद्रास जी एवं उनकी टीम को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने व्यसाईयों में पटना में एक प्लेटफार्म दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार विशेष रूप से पटना की क्षमता को निखारने की आयोजक ने एक सकारात्मक पहल की है। उन्होंने कहा कि बिहार के कारीगरों का प्रमोशन जितना मिलना चाहिए नहीं मिला बल्कि उनका शोषण होता रहा है। उन्होंने कहा कि कारीगरों को प्रमोट करने की जरूरत है।
इस अवसर पर श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हम उत्तर और पूर्वी भारत के साथ वापसी कर रहे हैं, इस बार हम बिहार में अपने शो का आयोजन करने जा रहे हैं, जहां आभूषण समुदाय के लिए अपार संभावनाएं हैं। भारतीय रत्न एवं आभूषण सेक्टर, दुनिया में सबसे बड़ा है, जो दुनिया भर में आभूषणों की खपत में तकरीबन 29 फीसदी का योगदान देता है। यह सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाला महत्वपूर्ण क्षेत्र भी है, ऐसे में इस क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। अच्छी बात यह है कि केन्द्रीय बजट 2022-23 में इस सेक्टर में सुधार के लिए सकारात्मक कदम उठाए गए हैं जैसे कट और पॉलिश्ड हीरों तथा रत्नों पर कस्टम ड्यूटी 5 फीसदी तक कम करना और एमएसएमई के लिए ईसीएलजीएस का विस्तार जिससे आने वाले साल में उद्योग जगत के समग्र विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। उत्तर और दक्षिण में सफलतापूर्वक प्रदर्शनियों के आयोजन के बाद, अब हम बिहार एवं आस-पास के विक्रेताओं और खरीददारों के साथ जुड़ने जा रहे हैं। यह विस्तार आभूषण कारोबार का पैमना बढ़ाने तथा देश के विभिन्न हिस्सों के रूझानों को उत्तर एवं पूर्वी भारत में लाने में मदद करेगा।‘‘
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