
आज जन अभियान, बिहार के तत्वावधान में गांधी संग्रहालय,पटना के सभागार में साढ़े ग्यारह बजे दिन से साढ़े चार बजे शाम तक बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के मसले पर एक कन्वेंशन का आयोजन किया गया
आज जन अभियान, बिहार के तत्वावधान में गांधी संग्रहालय,पटना के सभागार में साढ़े ग्यारह बजे दिन से साढ़े चार बजे शाम तक बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के मसले पर एक कन्वेंशन का आयोजन किया गया।
शुरुआत में जन अभियान, बिहार के संयोजक नन्द किशोर सिंह ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए अध्यक्ष मंडल का प्रस्ताव किया। सभा का संचालन चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया जिसमें सर्वहारा जन मोर्चा के सौजन्य, सीपीआई (एमएल) के अशोक बैठा, एमसीपीआई(यू) के जमीरूद्दीन तथा सीपीआई (एमएल)एनडी के रामचन्द्र सिंह शामिल थे।
आयोजक संगठनों की ओर से तैयार किए गए प्रपत्र को कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया के पार्थ सरकार ने पेश किया। जन अभियान,बिहार द्वारा प्रस्तुत प्रपत्र में स्पष्ट कहा गया कि "बड़ी पूंजी (कॉरपोरेटों) के हक में आनन-फानन में किये जा रहे भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगाओ! भूमिहीनों, गरीबों को उजाड़ना बंद करो, भूमि पर उनका दावा बहाल करो!"
इसके बाद जन अभियान, बिहार के घटक संगठनों तथा अन्य जनपक्षधर, जनवादी तथा वामपंथी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक-एक करके कन्वेंशन को सम्बोधित किया। तमाम वक्ताओं ने प्रपत्र की मूल अंतर्वस्तु से सहमति जताते हुए अपनी बातें रखीं।
कन्वेंशन को सम्बोधित करने वाले में सर्वहारा जन मोर्चा के अजय सिन्हा, सीपीआई (एमएल) के अरविन्द सिन्हा, जनवादी लोक मंच के पुकार, सीपीआई (एमएल) न्यू डेमोक्रेसी के रामवृक्ष राम, नागरिक अधिकार रक्षा मंच के रंजीत कुमार, कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया के सतीश कुमार, एमसीपीआई(यू) के जमीरूद्दीन अंसारी तथा जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के राहुल शामिल थे।
इसके अलावा आमंत्रित जनवादी , प्रगतिशील एवं वामपंथी संगठनों में सीपीआई के रविन्द्र नाथ राय, भाकपा (माले) लिबरेशन के उमेश सिंह, एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के इन्द्रदेव राय, समता सद्भाव दल के चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी, एनएपीएम के उदयन राय , श्रम मुक्ति संगठन के जयप्रकाश ललन, मजदूर बिगुल दस्ता के आकाश, तलाश पत्रिका की सम्पादक मीरा दत्त, जनजातीय रक्षा मंच बिहार के मदन मुर्मू और कम्युनिस्ट चेतना केंद्र के रामलखन ने कन्वेंशन में अपने विचार व्यक्त किये।
भूमि सर्वेक्षण पर आयोजित इस कन्वेंशन के जरिए जन अभियान, बिहार ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि वह शोषक बड़ी पूंजी के वर्ग मंशा को नाकाम करते हुए संघर्ष को आगे बढ़ाये। प्रगतिशील व रैडिकल लक्ष्यों वाले भूमि सुधार कार्यक्रम पर आधारित लैंड सर्वे के लिए संघर्ष तेज करे।
जन अभियान,बिहार भूमि सर्वेक्षण पर उठे सवालों के मद्देनजर इसपर तत्काल रोक लगाने की मांग करता है। इसके अलावा जन अभियान, बिहार मांग करता है :
1. गरीब परिवार जिस भूमि पर बसे हुए हैं, उसका उन्हें पर्चा दो।
2. ग्रामीण गरीबों की बस्तियों को अतिक्रमण हटाने या पर्यावरण के नाम पर उजाड़ना बंद करो।
3. सरकार भूमिहीनों को 5 डेसिमल बासगीत जमीन देने का वादा पूरा करे।
4.जो भूमि रिकॉर्ड कैथी लिपि में है, सरकार उन्हें हिंदी में उपलब्ध कराये।
5. जमाबंदी और दूसरे रिकॉर्ड को सरकार अद्यतन करे।
6. सरकार वन्य अधिकार कानून,2006 के साथ छेड़छाड़ नहीं करे और बसे हुए लोगों का हक निबंधित करे।
7. जिनके पास जमीन वितरण के तहत मिले हुए पर्चे हैं, परंतु जो जमीन पर काबिज नहीं हैं, उनका हक बहाल करो।
8. सरकार जल, जीवन, हरियाली के नाम पर गरीब बाशिंदों को उजाड़ना बंद करे।
9. हदबंदी से फाजिल जमीन की भूमिहीनों के बीच बंदोबस्ती करो।
10. भूदान के अंतर्गत प्राप्त सभी भूमि का पूर्ण विवरण सार्वजनिक करो और सरकार उस पर नियंत्रण स्थापित कर उसे भूमिहीनों में बांटे।
11. बंद्योपाध्याय भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करो।
अशोक बैठा के अध्यक्षीय भाषण के बाद कन्वेंशन के समापन की घोषणा की गई।
जारीकर्ता :
नन्द किशोर सिंह, सतीश कुमार, अजय सिन्हा, संजय श्याम, मणिलाल, रामवृक्ष राम, जमीरूद्दीन अंसारी, पुकार
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