
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए सिलेबस का विरोध किया
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए सिलेबस का विरोध किया है। पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट का कहना है कि सिलेबस में निगेटिव मार्किंग और अंग्रेजी को अनिवार्य कर सरकार शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ज़्यादती कर रही है।
श्री भट्ट ने कहा कि बीपीएससी के चेयरमैन ने आखिर किस आधार पर यह कहा था कि परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। क्या वे अभ्यर्थियों झूठा दिलासा दे रहे थे या सरकार के फैसले सामने उनके फैसले की कोई अहमियत नहीं।
श्री भट्ट ने कहा कि बिहार सरकार लगातार शिक्षक अभ्यर्थियों के धैर्य की परीक्षा लेते आ रही है। वह हर बार उनके साथ छल करते आ रही है। सरकार ने पहले 2017 और 2019 में एसटीईटी पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सातवें चरण की बहाली के तहत नियुक्त करने का सपना दिखाया, फिर सात वर्षों के उपरांत सरकार ने उनके सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया। सरकार उनकी नियुक्ति के बजाय शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 लागू कर उनके पूर्व की पात्रता परीक्षा के तहत योग्यता को निरस्त करते हुए उनपर नई तुगलकी फरमान थोप दिया और अब बीपीएससी के तहत ली जाने वाली परीक्षा में निगेटिव मार्किंग और अंग्रेजी विषय को अनिवार्य कर सरकार उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रही है, जो बिल्कुल गैर-वाजिब है।
श्री भट्ट ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी अभ्यर्थियों के विरूद्ध सरकार के इस मनमाने फैसले का विरोध करती है। पार्टी हर मोर्चे पर अभ्यर्थियों के साथ मजबूती से खड़ी है और जरूरत पड़ने पर वह सड़क से सदन तक उनकी लड़ाई लड़ने को भी तैयार है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार को छात्रों पर जबरन सिलेबस ठोकने की बजाए छात्रों से उनकी राय को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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