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बिहार प्रदेश में जातीय गणना शीघ्र प्रारम्भ होने वाली है जिस हेतु सभी जातियों के लिए एक कोड आवंटित किया गया है. यह आश्चर्य का विषय है कि कायस्थ जाति के लिए दो दो कोड दिया गया है.

बिहार प्रदेश में जातीय गणना शीघ्र प्रारम्भ होने वाली है जिस हेतु सभी जातियों के लिए एक कोड आवंटित किया गया है. यह आश्चर्य का विषय है कि कायस्थ जाति के लिए दो दो कोड दिया गया है.


बिहार प्रदेश में जातीय गणना शीघ्र प्रारम्भ होने वाली है जिस हेतु सभी जातियों के लिए एक कोड आवंटित किया गया है. यह आश्चर्य का विषय है कि कायस्थ जाति के लिए दो दो कोड दिया गया है. 

महापरिषद के मुख्य समन्वयक कुमार अनुपम, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिहर सिन्हा, उपाध्यक्ष तथा बिहार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुमन कुमार मल्लिक एवं युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद सिन्हा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कायस्थों के लिए दो कोड बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. पूरे देश या बिहार प्रदेश के सभी कायस्थ एक हैं और उन्हें विभिन्न समूहों में बाँटना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं है. ज्ञात हो कि कायस्थ जाति के लिए कोड संख्या जब 21 आवंटित है तो बंगाली कायस्थ के लिए कोड 205 का कोई औचित्य नहीं है ऐसा किसी जाति के साथ नहीं किया गया है. इस चूक का निराकरण अति आवश्यक है क्योंकि इससे समस्त कायस्थ समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश समझी जा रही है. उन्होंने महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्य मंत्री एवं कर्ता धर्ता प्रशासन विभाग, बिहार सरकार से कोड संख्या 205 को विलोपित करने एवं सुधार हेतु अविलम्ब आदेश निर्गत करने की माँग की. उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्य मंत्री से मिलकर कोड 205 को विलोपित करने एवं समस्त कायस्थों के लिए सिर्फ़ एक कोड 21 रखने हेतु एक ज्ञापन देगा जबकि इस हेतु बार बार कई ईमेल सम्बंधित विभाग को इस गड़बड़ी को दूर करने हेतु भेजा जा चुका है तथा उस पर इस दिशा में अभी तक कोई करवाई नहीं की गई है.



दूसरी ओर अन्य कायस्थ संस्था प्रगतिशील कायस्थ समाज के अध्यक्ष लाला प्रकाश, महासचिव प्रमोद कुमार सिन्हा एवं कायस्थ क्रांतिकारी विचार मंच, बिहार के महासचिव कुमार नीरज ने भी सरकार एवं प्रशासन विभाग से इस चूक को अविलम्ब सुधार करने एवं कोड को दुरुस्त करने की माँग की है ताकि जातीय जनगणना में किसी भी प्रकार की त्रुटि न रहे.

इस सम्बंध में महापरिषद की ओर से मसले के निराकरण हेतु निरंतर प्रयत्नशील रहेगी.
 

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