भगवान महावीर निर्वाणोत्सव पर मंगलवार 21 अक्टूबर को जैन धर्मावलंबी चढ़ाएंगे लाडू
शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
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जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक (निर्वाणोत्सव) पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से मंगलवार, 21 अक्टूबर को पटना के सभी जैन मंदिरों में मनाया जाएगा। इस अवसर पर देशभर के जैन धर्मावलंबी भगवान महावीर को लाडू चढ़ाकर मोक्ष कल्याणक का पर्व मनाएँगे। पटना के मंदिरों में प्रातःकाल भगवान के अभिषेक, शांतिधारा और पूजन के बाद लाडू चढ़ाने की परंपरा निभाई जाएगी। जैन समाज के एम.पी. जैन ने बताया कि भगवान महावीर का निर्वाण कार्तिक अमावस्या को प्रातः चार बजे पावापुरी में हुआ था। इसी उपलक्ष्य में जैन समाज इस दिन लाडू चढ़ाकर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर भगवान को नमन करता है। एम.पी. जैन ने बताया कि इसी दिन भगवान महावीर के प्रथम शिष्य गौतम गणधर स्वामी को केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए यह दिन जैन समाज के लिए आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक है। बिहार सहित देश के विभिन्न जैन मंदिरों में इस दिन श्रद्धालु लाडू चढ़ाते हैं और भगवान के उपदेशों का स्मरण करते हैं। बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र समिति के मानद सचिव पराग जैन ने बताया कि भगवान महावीर के मोक्षस्थल पावापुरी में इस अवसर पर देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। जिलाधिकारी, नालंदा द्वारा महावीर निर्वाणोत्सव के दिन पावापुरी क्षेत्र में मांसाहार पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया है, जिससे वातावरण पूर्णतः पवित्र और शांतिपूर्ण रहेगा। *जैन धर्म में लाडू चढ़ाने का महत्व*
एम.पी. जैन ने बताया कि लाडू गोल आकार का होता है, जिसका अर्थ है — जिसका न आरंभ है, न अंत। यह हमारी आत्मा की अखंडता का प्रतीक है। लाडू बनाने की प्रक्रिया — बूँदी को कड़ाही में तपाना और फिर चाशनी में डुबोना — आत्मा की तपश्चर्या और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है। जैसे बूँदी तपने के बाद मीठी हो जाती है, वैसे ही आत्मा भी तप और संयम के बाद मोक्षरूपी मधुरता प्राप्त करती है।
*जैन धर्म में पटाखे और आतिशबाजी वर्जित*
एम.पी. जैन ने कहा कि जैन धर्म अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत पर आधारित है। इसलिए दीपावली या निर्वाणोत्सव पर जैन धर्मावलंबी पटाखे और आतिशबाजी नहीं करते। पटाखों से सूक्ष्म जीवों की हिंसा होती है और पर्यावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। जैन समाज सत्य, अहिंसा और पर्यावरण संरक्षण के मार्ग पर चलते हुए भगवान महावीर के उपदेशों को जीवन में उतारने का प्रयास करता है।
*फ़िल्म “तीर्थंकर” में होगा निर्वाणोत्सव का चित्रण*
इस वर्ष पावापुरी में मनाए जा रहे भगवान महावीर निर्वाणोत्सव की शूटिंग देश की पहली एनिमेटेड एवं डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “तीर्थंकर – जैनत्व के कल, आज और कल” के लिए की जाएगी। फ़िल्म के निर्देशक पटना के राजेन्द्र जैन ने बताया कि पावापुरी के इस भव्य धार्मिक आयोजन को फ़िल्म में दिखाया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियाँ जैन धर्म की इस महान परंपरा और भगवान महावीर के उपदेशों से परिचित हो सकें।
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