
तीन दिवसीय कायरोप्रैक्टिक वर्कशॉप का आयोजन - आज दिनांक 9 जुलाई को मुंबई स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ लोकल सेल्फ गावर्नमेंट (AIILSG) परिसर मे स्पाइन वाला फिजियोथेरेपी सेंटर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कायरोप्रैक्टिक वर्कशॉप का सफलतापूर्वक समापन हुआ
*तीन दिवसीय कायरोप्रैक्टिक वर्कशॉप का आयोजन - आज दिनांक 9 जुलाई को मुंबई स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ लोकल सेल्फ गावर्नमेंट (AIILSG) परिसर मे स्पाइन वाला फिजियोथेरेपी सेंटर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कायरोप्रैक्टिक वर्कशॉप का सफलतापूर्वक समापन हुआ।*
*इस वर्कशॉप मे मुंबई, चेन्नई साथ साथ मालदीव से भी लोग शामिल हुए।*
*कायरोप्रैक्टिक की ट्रेनिंग डॉ, विकास सिंह जी द्वारा दी गयी।*
*डॉ विकास सिंह जी ने बताया की कायरोप्रैक्टिक द्वारा शरीर का इलाइनमेंट सही कर के कई रोगों को जल्द से जल्द ठीक किया जा सकता है।*
*उन्होंने यह भी बताया की आज के समय मे स्वास्थ्य चिकित्सा के क्षेत्र मे कायरोप्रैक्टिक क्यों सीखना चाहिए?*
*▪️उन्होंने कहा की आपके पास किसी मरीज को ठीक करने के कई साधन,उपकरण, थेरेपी अथवा तकनीक मौजूद है परन्तु फिर भी कुछ मांसपेशियों एवं हड्डियों की परेशानियां इतनी जटिल होती है जिनपर कोई भी इलाज कारगर नहीं हो पाता, जैसे स्पाइन/ रीढ़ की हड्डी का इलाइनमेंट बिगड़ जाना, घुटने का गैप कम हो जाना कोई हड्डी डिसलोकेट हो जाना या फिर घुटने कंधे अथवा स्पाइन साथ ही गर्दन मे मूवमेंट की कमी हो ऐसे मे कायरोप्रैक्टिक एक बहुत ही कारगर बेहतर मेथड है।*
*▪️आपके पास मरीज आये और ठीक हो कर जाये इसके लिए आप हर तरह की थेरेपी देते है जिसमे कायरोप्रैक्टिक से भी आपको काफी जल्दी और बेस्ट रिजल्ट मिलेगा।*
इस वर्कशॉप मे शामिल सभी लोगों ने डॉ विकास सिंह जी को इतनी अच्छी चिकत्सा शैली को सिखाने हेतु धन्यवाद दिया
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