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दोस्तों पढ़ाई एक कला है - मो0 इस्तेयाक अहमद

दोस्तों पढ़ाई एक कला है - मो0 इस्तेयाक अहमद


 *दोस्तों पढ़ाई एक कला है | - मो0 इस्तेयाक अहमद*

पटना - इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि दोस्तों पढ़ाई एक कला है | किसी भी कला में पारंगत होने के लिए सतत अभ्यास की जरुरत होती है | लिहाजा आप भी अगर पढ़ाई में पारंगत होना चाहते हैं तो आपको अभ्यास की जरुरत है | लेकिन सवाल ये है कि अभ्यास कि दिशा क्या है? क्योंकि अगर आप गलत अभ्यास कर रहे हैं तो आपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं | अगर आपने कभी जिम किया होगा तो ये बात अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि गलत एक्सरसाइज का क्या नुकसान हैं?

इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि अगर आपको पढ़ाई की सही कला सीखनी है तो जिम की तरह अच्छे ट्रेनर की जरुरत होगी| अनुभवी लोगों से मिलना होगा| या फिर खुद अनुभव लेकर ये कला सीखनी होगी| लेकिन अगर आप खुद अनुभव लेकर इस कला को सीखना चाहेंगे तो आपको लंबा इंतजार करना पडेगा| लिहाजा, बुद्धिमान वो है जो अपने सीनियर्स, टीचर, बड़े-बुजुर्ग के अनुभवों से सीखे, उसकी सफलता से सीखे, असफलता से सीखे, गलतियों से सीखे और उसे जिंदगी में उतारकर सफल हो जाए|

कोचिंगों में क्या होता है? बस सीनियर्स आपसे अपना अनुभव साझा करते हैं| हमने ये गलती की, वो गलती कि अगर हम ऐसा ना करते तो सफल होते है। ऐसा करते तो सफल होते| हमने ये किताबें फालतू में पढ़ी, इस किताब को नहीं पढ़ के गलती की| मेरा मानना है कोचिंग पढ़ें चाहे, सेल्फ स्टडी करें | हकीकत ये है कि सबकुछ करना आपको ही है। आपने देखा होगा कि कोचिंग में पढ़ने वाले कुछ ही बच्चे अपने कोच या टीचर के अनुभव से सीख पाते हैं | जो सीखता है और वो ही सफल होता है।

इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि अगर आप महंगी कोचिंग नहीं कर सकते हैं | या फिर आपके पास ऐसे सीनियर्स नहीं हैंं जो आपको सही मार्गदर्शन दे सकें तो आप परेशान ना हों| हम आपको यहां पर वो सभी गाइडेंस देंगे जो सफल होने के लिए जरुरी है | बस आपको करना ये है कि आप उस पर विश्वास कर के फॉलो करें | नीचे कुछ बिन्दू दे रहा हूं. इन बिन्दूओं में से अगर कोई आपसे मैच कर रहा है तभी आगे का लेख पढ़ें वर्ना कुछ और पढ़ें | अपना वक्त बर्बाद ना करें |

इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि तो फिर अब आगे का लेख जरा गौर से पढ़ें अगर आप...

1-जो कुछ भी पढ़ते हैं भूल जाते हैं?

2-पढ़ी हुई चीजें आपको याद नहीं रहती है?

3-किताबें तो खूब पढ़ते हैं लेकिन कांसेप्ट ही क्लियर नहीं होता है?

4-कोचिंग और ट्यूशन पढ़ने के बावजूद आपको लगता है कि आपने तो कुछ पढ़ा ही नहीं?

5-कुछ ही देर पहले पढ़ा हुआ चैप्टर भी आपको याद नहीं रहता है?

6-समझ नहीं आता की परीक्षा के लिए क्या पढ़े, कितना पढ़ें, कैसे पढ़े?

7-लाख कोशिश करने के बावजूद पढ़ाई में मन नहीं लगता?

8-पढाई से बार-बार कंंसंट्रेशन टूट जाता है?

8-बार-बार परीक्षा देने के बावजूद सफलता नहीं मिल रही है?

अगर आप भी इन समस्याओं से जुझ रहे हैं तो आपके लिए मैं एक सीरिज शुरु करने जा रहा हूं | जिसमें मैं आपको कुछ प्रैक्टिकल टिप्स दूंगा जिससे आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी | पहली सीरिज में आज मैं आपको प्वाइंट वाइज बताने जा रहूा हूं | इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि पढ़ाई में कंसंट्रेशन (Concentration) कैसे बनाएं...

1-जब हम पढ़ते हैं तो कंसंट्रेशन की वजह से अनजाने ही हमारी सांसे (Breathing) कुछ समय के लिए रुक जाती है | या फिर ये इतनी गहरी नहीं होती हैं जितनी होनी चाहिए | इससे शरीर और आंखों में थकान आ जाती है और तनाव भी बढ़ जाता है.

2-ठीक इसी प्रकार एकाग्रता के कारण आंखों की पलक झपकना (Blinking) भी रुक जाता है | नियमित सांस और आंखों का पलक झपकना ये दोनों क्रियाएं एकाग्रता को अधिक समय तक कायम (maintain) रखने के लिए बेहद जरुर हैं |

इसके लिए कुछ उपाय नीचे दिया जा रहा है | इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि इन प्रैक्टिकल उपाय के जरिए आप पढ़ने में कंसंट्रेशन बढ़ा सकते हैं |

बीच-बीच में अपना ध्यान सांस और पलक-झपकाने पर भी ले जाना चाहिए |

10 से 15 मिनट के अंतराल से एक बार इधर-उधर भी देखना चाहिए | इससे ध्यान बना रहता है |

30 से 45 मिनट के गैप से अपनी दोनों आंखों को हथेलियों से ढकें, आंखों पर कोई भी दबाव नहीं पड़ना चाहिए | उस समय गहरी सांस लेते रहें |

इन तीन प्रैक्टिकल उपाय से आपको बहुत फायदा मिलेगा | पढ़ाई में आपकी एकाग्रता भी बनी रहेगी | इंजिनियर मो0 इस्तेयाक अहमद ने कहा कि यहां एक बात जरुर ध्यान रखें | अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए कभी भी आमने-सामने की लड़ाई का प्रयास मत करें | इसके लिए Indirect (इनडायरेक्ट) उपाय अपनाएं | आप अच्छाई की तरफ बढ़ें, बुराइयां अपने आप छूट जाएंगी | अपने अंदर सकारात्म विचार (Positive Thoughts) भरें, नकारात्मक भाव अपने आप खत्म हो जाएंगे | इसके लिए हो सके तो अच्छे ग्रुप में रहें | बड़े लोगों की आत्मकथाएं पढ़ें. अच्छा संगीत सुनें और कुछ देर ऊपर वाले को याद करें, क्योंकि जब आप ये मान लेते हैं कि आप पर किसी का हाथ हैं तो बेफिक्र होकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं

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