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पारस एचएमआरआई 51 बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाला बिहार का एक मात्र हॉस्पिटल बना

पारस एचएमआरआई 51 बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाला बिहार का एक मात्र हॉस्पिटल बना


पारस एचएमआरआई 51 बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाला बिहार का एक मात्र हॉस्पिटल बना

• इस ऊंचाई को हासिल करने के लिए एक सम्मान सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

पटना।

पारस एचएमआरआई 51 सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट(बीएमटी) करने वाला बिहार का एक मात्र अस्पताल बन गया है। इस मुकाम को सेलिब्रेट करने के लिए एक सम्मान -सह- जागरूकता कार्यक्रम परिसर में आयोजित किया गया। इसमें बोन मैरो ट्रांसप्लांट की वजह से ब्लड कैंसर, एप्लास्टिक मेजर, एनीमिया आदि से ऊबर चुके या रोग को काफी हद तक नियंत्रित कर चुके लोगों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में 25 मरीज से ज्यादा आए थे। इन सभी का बीएमटी पारस एचएमआरआई में ही किया गया था।

इस अवसर पर पारस एचएमआरआई के हेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अविनाश सिंह ने बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का शुक्रिया अदा किया। कहा, “सीएम रिलीफ फंड की वजह से मरीजों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट में काफी आर्थिक मदद मिली। पहले लोग बीएमटी के लिए दिल्ली, मुंबई, वेल्लौर आदि जाते थे। वहां लंबी-लंबी कतारें होती हैं। लेकिन पारस एचएमआरआई में यह सुविधा शुरू होने के बाद बिहार और आसपास के राज्यों के लोगों को काफी सहूलियत हो गई है। अब उन्हें हजारों किमी दूर मेट्रो सिटी में बीएमटी के लिए नहीं जाना पड़ता है। यहां अपेक्षाकृत काफी कम खर्च और बिना परेशानी के बीएमटी हो जाता है। हमारे यहां बीएमटी सफलता का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत के बराबर है”। मरीजों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि “बिहार में पांच हजार बच्चे थैलेसिमिया से ग्रसित हैं। वहीं आधी से ज्यादा आबादी खून की कमी (एनीमिया) से ग्रसित है। थैलेसिमिया से ग्रसित लोगों को रेगुलर ब्लड की जरूरत होती है। लेकिन लोग रक्तदान के लिए आगे नहीं आते हैं। जबकि रक्तदान से फायदा ही फायदा है। इसी तरह बीएमटी के लिए स्टेम सेल डोनेशन की आवश्यकता होती है। यह भी बहुत आसान है और कोई नुकसान नहीं है”।

इस अवसर पर अस्पताल के जोनल डायरेक्टर डॉ. विक्रम सिंह चौहान एवं यूनिट हेड आकाश सिन्हा ने डॉ. अविनाश सिंह सहित उनके सहयोगियों को इतने मरीजों को नई जिंदगी देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “पारस एचएमआरआई पिछले 10 वर्षों में बिहार में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बन चुका है। अब गंभीर से गंभीर रोग के इलाज के लिए लोगों को हजारों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ता है। हम यहीं एक छत के नीचे सभी विभाग की सुपर स्पेशियलिटी सुविधा मुहैया करा रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर यहां सेवा दे रहे हैं”।

पारस अस्पताल के बारे में

पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

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