
बिहार में शासन-प्रशासन की निरंकुशता और पुलिसिया दमन से आमजनों को परेशान किया जा रहा है: एजाज अहमद
बिहार में शासन-प्रशासन की निरंकुशता और पुलिसिया दमन से आमजनों को परेशान किया जा रहा है: एजाज अहमद
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में पुलिसिया दमन के कारण आम लोगों का जीवन दुर्लभ हो गया है और पुलिस की निरंकुशता का शिकार आमलोग बन रहे हैं। इधर हाल के दिनों में जिस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही है, उससे लोगों का विश्वास शासन-प्रशासन पर से विश्वास उठते चला जा रहा है, और पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई की जगह आमजनों को ही जबरदस्ती गुनाह कुबुल करवाने के लिए अमानवीय तरीकों का सहारा लेती है। जिसके कारण कुछ दिनों पूर्व मधुबनी जिला के बेनीपट्टी में मौलाना फिरोज के साथ हैवानियत तरीके से पुलिसिया दमन का सहारा लिया गया। दूसरी ओर मुजफ्फरपुर जिला के कांटी थाना में बाईक चोरी के इल्जाम में पुलिसिया अत्याचार और दमन के कारण शिवम की मौत हो गई और उनके परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस वालो की पिटाई के कारण ही उसकी मौत हो गई।
इन्होंनेे आगे कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत से ये स्पष्ट होता है कि बिहार में पुलिस का राज चल रहा है। इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार के संबंध में कहा था कि पुलिसिया राज के सहारे सरकार निरंकुशता को बढ़ावा दे रही है।
और नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जब सरकार के क्रियाकलाप और पुलिसिया दमन पर अपनी बातें रखते हैं, तो उल्टे सरकार में बैठे हुए लोग ही कहीं ना कहीं ऐसे कृत्य करने वाले पुलिस पदाधिकारी का हिमायत में खड़े हो जाते हैं। ऐसा विपक्ष के सत्ता पक्ष की सोची समझी रणनीति का हिस्सा मालूम पड़ता है और विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ऐसे बयान दिए जाते हैं और विपक्ष के आंदोलन को दबाने के लिए पुलिसिया दमन का सहारा लिया जाता है।
एजाज ने आगे कहा कि बिहार में सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। जहां अपराध और अपराधियों को सत्तारूढ़ दल के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है वहीं बिहार में माफियाओं और अपराधियों को उच्च स्तर से संरक्षण मिलने के कारण आमजनों का जीवन दुभर हो गया है।
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