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दिव्यांग जनों के उच्च शिक्षा में आ रही चुनौतियों पर हुई गंभीर विमर्श

दिव्यांग जनों के उच्च शिक्षा में आ रही चुनौतियों पर हुई गंभीर विमर्श


*दिव्यांग जनों के उच्च शिक्षा में आ रही चुनौतियों पर हुई गंभीर विमर्श* !

दिव्यांगों छात्रो ने उठाई मांग - विश्वविद्यालय मे स्पेशल प्रोफेसर की हो बहाली !

पटना आज दिनांक :- 5. 12. 2022 , को बिहार विकलांग अधिकार मंच तथा पटना लॉ कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में समर्थनम ट्रस्ट फार द डिसेबल्ड के सहयोग से पटना विश्वविद्यालय के पटना लॉ कॉलेज सेमिनार सभागार में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा में दिव्यांग छात्र-छात्राओं की चुनौतियां के विषय पर एक दिवसीय गोलमेज परिचर्चा का आयोजन किया गया !

परिचर्चा का उद्घाटन पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रोo डॉ मोo शरीफ , मंच अध्यक्ष डॉo सुनील कुमार सिंह , पटना जिला मनरेगा लोकपाल नवल किशोर शर्मा , समर्थनम ट्रस्ट बेंगलुरु के प्रतिनिधि राघवेंद्र कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया !

 परिचर्चा की अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्रोफेसर प्रोo सतीश कुमार ने की , वहीं संचालन मंच के राज्य सचिव राकेश कुमार ने किया !

 इस अवसर पर लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोo शरीफ ने कहा कि मैं पटना लॉ कॉलेज में 25 वर्षों से हूं , लेकिन दिव्यांग छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा के गंभीर मुद्दे पर कभी भी विमर्श नहीं हुई ! हमारे कॉलेज में दिव्यांग छात्र-छात्राओं के अनुकूल सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है ! यहां रैम और व्हीलचेयर छात्र छात्राओं के लिए है , लेकिन ब्रेल की पुस्तक लाइब्रेरी में नहीं है ! हमारे यहां लिफ्ट भी की सुविधा नहीं है , दिव्यांगता में दक्षता प्राप्त प्रोफेसर की कमी है , जिसके कारण थोड़ी परेशानी होती है , कॉलेज में विशेष विद्यार्थी के लिए स्पेशल छात्रवृत्ति की योजना बनाई जा रही है !


बेंगलुरु से आए प्रतिनिधि राघवेंद्र कहा कि समर्थनम ट्रस्ट बिहार के 50 दिव्यांग छात्र छात्राओं को 3 वर्षों तक ₹20000 वार्षिक छात्रवृत्ति प्रोत्साहन राशि दी जाएगी , जिसकी घोषणा उन्होंने आज की , उन्होंने आगे कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले दिव्यांग छात्र छात्राओं को भी विशेष तरह के छात्रवृत्ति का प्रावधान है !

 इस अवसर पर डाइट के प्रोफेसर विजय भास्कर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में दिव्यांग - छात्राओं के स्पेशल विद्यालय को समाप्त करने की बात कही गई है , जो दिव्यांग छात्र - छात्राओं के शिक्षा पर एक बड़ा संघर्ष हो सकता है !


डॉ नवल किशोर शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण सुविधा की आवश्यकता है , हमारे यहां दिव्यांगता और गरीबी के कारण लोग उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाते हैं , यदि हमारे अनुकूल वातावरण हो तो दिव्यांग भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं , यहां पर नेत्रहीन लड़कियों के लिए एक भी सरकारी विद्यालय नहीं है , 10+2 का विद्यालय दिव्यांग नेत्रहीनों के लिए उपलब्ध नहीं है , जिसके कारण उच्च शिक्षा को प्राप्त करने में काफी समस्याएं हो रही है !


अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर सतीश ने कहा कि मैं पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हूं लेकिन घसीटकर विश्वविद्यालय के ऊपरी कैंपस में जाना पड़ता है , दरभंगा हाउस में लिफ्ट की सुविधा न रहने के कारण हमें समस्या होती है , यहां पर दिव्यांग अधिकार संशोधित अधिनियम 2016-2017 का भी उल्लंघन है , बिहार राज्य में विशेष तौर पर पटना विश्वविद्यालय एकलौता विश्वविद्यालय जहां से लोग शिक्षा प्राप्त कर अपनी मंजिल को प्राप्त करते हैं , यहां पर यदि सभी प्रकार की सुविधाएं दिव्यांग छात्र छात्राओं को मिले तो वह भी राज्य का नाम रोशन करेगे तथा शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे !

परिचर्चा में दिव्यांग विद्याभूषण नेत्रहीन छात्र - छात्राओं की समस्या पर बात रखते हुए बताया कि पटना विश्वविद्यालय के मिंटू छात्रावास है , जो नेत्रहीनों के लिए है वह भी टूटा हुआ है , विश्वविद्यालय में आवेदन देने के बाद भी ब्रेल में पुस्तके उपलब्ध नहीं है और तो और पढ़ाने वाले स्पेशल प्रोफ़ेसर उपलब्ध नहीं रहते हैं जिसके कारण हम लोगों को उच्च शिक्षा में ब्रेल शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है ! विश्वविद्यालय से शोध कर रही कुमारी वंदना ने दिव्यांग छात्रों की समस्या पर बात करते हुए कहा कि हमें काफी दिक्कत होती है , इसके बावजूद भी मै पीएचडी कर रही हूं , यदि पीएचडी में विशेष छात्रवृत्ति होती या समय पर अलग से दिव्यांग छात्र छात्राओं की पीएचडी परामर्श केंद्र विश्वविद्यालय द्वारा होती तो अच्छा होता और बिहार की लड़कियां जो दिव्यांग है पीएचडी भी कर कर अपने सपने को पूरा करती !


परिचर्चा में नेत्रहीन दिव्यांग आदित्य कुमार , दिनेश कुमार , राकेश कुमार कुशवाहा , अधिवकता मो अजरूल हक तथा सीताराम पटियाला , अनिल कुमार , इंद्रदेव , किरण कुमारी आदि दर्जनों छात्र-छात्राओं ने अपनी पीड़ा रखते हुए सरकार से मांग की .....


कि दिव्यांग छात्र छात्राओं के लिए सभी विश्वविद्यालयों में अभिलंब प्रोफ़ेसर की बहाली की जाए !

विश्वविद्यालयों में दिव्यांगों के लिए लाइब्रेरी अलग से बनाई जाए !

 ब्रेल में पुस्तक उपलब्ध कराई जाए !

 कॉलेज के नामांकन में आरक्षण का पालन पूरी तरह से किया जाए !

दिव्यांग छात्र छात्राओं को निःशुल्क नामांकन लिया जाए !

वर्षों से बंद दिव्यांग छात्रवृत्ति को अभिलंब चालू की जाए !

इस अवसर पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अश्वनी , एक्शन एड एसोसिएशन के कार्यक्रम पदाधिकारी पंकज स्वेताभ, असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन के महासचिव अजय कुमार तथा वॉलंटरी फोरम के प्रतिनिधि के साथ विधि के छात्र-छात्राएं, अधिवक्ता समाजसेवी , पत्रकार आदि उपस्थित रहे
 

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